किसी ने एक दिन उस पेड़ से कहा-
तू इन पर्वतों को देखकर सीख ले।
किसी भी परिस्थिति में वह झुकते नहीं है
जबकि एक हवा का झोंका भी
तुझे झुका देता है।
यह सुन पेड़ ने मुस्कुरा कर कहा
मैं पर्वत सा बेजान नहीं
जो एक जैसा रहूंगा।
मुझ में जान है
इसीलिए झुकने की क्षमता है।
तू इसे मेरी कमजोरी ना समझ।
हवा के झोंकों से मैं झुकता जरूर हूं
पर टूटता नहीं।
©Söuvick Mukherjee
पेड़ - एक कविता
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