White जिसे ठीक से पाया न हो उसे, खोने का डर कौन जा | हिंदी Poetry

"White जिसे ठीक से पाया न हो उसे, खोने का डर कौन जानता है। जिससे ठीक से मिले भी न हो उसे, खोने का डर कौन जानता है।। जिससे एक तरफ बैठ के बातें हुईं उसे, खोने का डर कौन जानता है। लोग जिसे एक तरफ़ा इश्क़ कहते उसे, खोने का डर कौन जानता है।। यूं जो मिले सबको इश्क़ ऐसा उसे, खोने का डर कौन जानता है। ओझल हो आहिस्ते आंखों से मंजिल उसे, खोने का डर कौन जानता है।। ©monu gangil"

 White जिसे ठीक से पाया न हो उसे,
खोने का डर कौन जानता है।
जिससे ठीक से मिले भी न हो उसे,
खोने का डर कौन जानता है।।
जिससे एक तरफ बैठ के बातें हुईं उसे,
खोने का डर कौन जानता है।
लोग जिसे एक तरफ़ा इश्क़ कहते उसे,
खोने का डर कौन जानता है।।
यूं जो मिले सबको इश्क़ ऐसा उसे,
खोने का डर कौन  जानता है।
ओझल हो आहिस्ते आंखों से मंजिल उसे,
खोने का डर कौन जानता है।।

©monu gangil

White जिसे ठीक से पाया न हो उसे, खोने का डर कौन जानता है। जिससे ठीक से मिले भी न हो उसे, खोने का डर कौन जानता है।। जिससे एक तरफ बैठ के बातें हुईं उसे, खोने का डर कौन जानता है। लोग जिसे एक तरफ़ा इश्क़ कहते उसे, खोने का डर कौन जानता है।। यूं जो मिले सबको इश्क़ ऐसा उसे, खोने का डर कौन जानता है। ओझल हो आहिस्ते आंखों से मंजिल उसे, खोने का डर कौन जानता है।। ©monu gangil

#good_night #sadpoetry #sadness #willpower #power #selfconfidence

People who shared love close

More like this

Trending Topic