हिंदी मेरी पहचान है, हिंदी दिवस सम्प्रति ऐसे भी आच | हिंदी विचार

"हिंदी मेरी पहचान है, हिंदी दिवस सम्प्रति ऐसे भी आचार्य-आचार्या, विद्यालय और अन्य संस्थाएँ हैं जो हिंदी को भी अंग्रेजी में पढ़ाते आ रहे हैं। यह हिंदी का सरासर तिरस्कार है तथा ऐसे हीं लोगों, विद्यालयों तथा अन्य संस्थाओं के कारण हिंदी स्वयं के घर में पिछड़ी हुई है। अतएव, मैं ऐसे लोगों, विद्यालयों व संस्थाओं की भर्त्सना करता हूँ। — रत्नेश ©RATNESH KUMAR"

 हिंदी मेरी पहचान है, हिंदी दिवस सम्प्रति ऐसे भी आचार्य-आचार्या,  
विद्यालय और अन्य संस्थाएँ हैं जो 
हिंदी को भी अंग्रेजी में पढ़ाते आ 
रहे हैं। यह हिंदी का सरासर तिरस्कार है तथा 
ऐसे हीं लोगों, विद्यालयों तथा अन्य संस्थाओं 
के कारण हिंदी स्वयं के घर में पिछड़ी हुई है।
अतएव, मैं ऐसे लोगों, विद्यालयों व संस्थाओं
 की भर्त्सना करता हूँ।
                                                    — रत्नेश

©RATNESH KUMAR

हिंदी मेरी पहचान है, हिंदी दिवस सम्प्रति ऐसे भी आचार्य-आचार्या, विद्यालय और अन्य संस्थाएँ हैं जो हिंदी को भी अंग्रेजी में पढ़ाते आ रहे हैं। यह हिंदी का सरासर तिरस्कार है तथा ऐसे हीं लोगों, विद्यालयों तथा अन्य संस्थाओं के कारण हिंदी स्वयं के घर में पिछड़ी हुई है। अतएव, मैं ऐसे लोगों, विद्यालयों व संस्थाओं की भर्त्सना करता हूँ। — रत्नेश ©RATNESH KUMAR

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