कलाई पर बंधी ये राखी आज भी, दोनों भाई-बहन के झगड़े के बीच
कोई नहीं पड़ना चाहता था,
इसलिए सभी अपने अपने कमरे में चले गए।
अव्यांश भी वहां से चुपचाप खिसकने
की सोच रहा था लेकिन सुहानी जाकर किचन से बेलन ले आई और बोली "चाहे कानून की कोई भी किताब पढ़ ले, आज तुझे मुझसे कोई नहीं बचा सकता।"
कहानी "सुन मेरे हमसफर "
(link in bio)
©दुःखीआत्मा
#भाईबहनकाप्यार #BroSisDuo #story #sunmerehamsafar