White सहेली..... जिन हाथों में मेहंदी रचाई थी.. अ | हिंदी Shayari

"White सहेली..... जिन हाथों में मेहंदी रचाई थी.. अभी यह हाथ मेहंदी का रंग नहीं संभाल सकते.. अपनी तकदीर में ही रात का अंधेरा लिखा था.. कैसे उम्मीद करता मैं उजालों के पास.. लाला..... ©Mahesh Patel"

 White सहेली.....
 जिन हाथों में मेहंदी रचाई थी..
अभी यह हाथ मेहंदी का रंग नहीं संभाल सकते.. 
अपनी तकदीर में ही रात का अंधेरा लिखा था..
कैसे उम्मीद करता मैं उजालों के पास..
लाला.....

©Mahesh Patel

White सहेली..... जिन हाथों में मेहंदी रचाई थी.. अभी यह हाथ मेहंदी का रंग नहीं संभाल सकते.. अपनी तकदीर में ही रात का अंधेरा लिखा था.. कैसे उम्मीद करता मैं उजालों के पास.. लाला..... ©Mahesh Patel

सहेली.... अंधेरा... लाला...

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