White समझ समझ का फर्क है शोरूम और होटल में जाकर टि | हिंदी Poetry

"White समझ समझ का फर्क है शोरूम और होटल में जाकर टिप देने में शान समझते हैं वो ठेल या फड़ से समान खरीदने में झिक झिक करने में और दस पांच रुपए बचाने में बहुत मदद मिलती है इनके परिवार को चलाने में ©mukesh shrivastava"

 White समझ समझ का फर्क है शोरूम और होटल में जाकर टिप देने में शान समझते हैं वो ठेल या फड़ से समान खरीदने में झिक झिक करने में और दस पांच रुपए बचाने में बहुत मदद मिलती है इनके परिवार को चलाने में

©mukesh shrivastava

White समझ समझ का फर्क है शोरूम और होटल में जाकर टिप देने में शान समझते हैं वो ठेल या फड़ से समान खरीदने में झिक झिक करने में और दस पांच रुपए बचाने में बहुत मदद मिलती है इनके परिवार को चलाने में ©mukesh shrivastava

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