उन्मुक्त तिरंगे की, निराली है निशानियाँ,
केसरी रंग दर्शाता, वीरों की कहानियाँ,
श्वेत रंग गाता, विश्व शांति की जुबानियाँ,
हरित रंग चलवाता, समृद्धि की गाड़ियाँ।
तेज तिरंगे की अटूट; अटल सी यारियाँ,
नील चक्र सिखाता, सातत्य की कहानियाँ,
अनवरत, विस्तृत, राष्ट्रध्वज की डोरियाँ,
निश्चल, निश्छल, निर्मल, तिरंगे की बोलियाँ।
रखवाली रक्षण हेतु, तत्पर है जवानियाँ,
लहराओं और याद करों बलिदानियाँ,
दिखलादों अब शूरता भरी सलामियाँ,
उन्मुक्त तिरंगे की निराली है निशानियाँ।
डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि'
©Anand Dadhich
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