Unsplash वो लम्हा याद से यादगार हो गया मुस्ताक हू | हिंदी शायरी

"Unsplash वो लम्हा याद से यादगार हो गया मुस्ताक हूं मैं जो प्रकृति में सो गया ख़्याल हैं मुझे उस हसीन का, उफ़ लगा के गले इन वादियों में खो गया ©Naresh_ke_lafz"

 Unsplash वो लम्हा याद से यादगार हो गया 
मुस्ताक हूं मैं जो प्रकृति में सो गया 
ख़्याल हैं मुझे उस हसीन का, उफ़ 
लगा के गले इन वादियों में खो गया

©Naresh_ke_lafz

Unsplash वो लम्हा याद से यादगार हो गया मुस्ताक हूं मैं जो प्रकृति में सो गया ख़्याल हैं मुझे उस हसीन का, उफ़ लगा के गले इन वादियों में खो गया ©Naresh_ke_lafz

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