मेरे बेहतर कल की खातिर, जिन्होंने कठोर तप किया l
हर हाल में मौन रहकर ,श्रम का बस जप किया l
जिनकी दृंढ़ता के आगे मेरा, बुरा वक़्त भी कट गयाl
मेरी ढ़ाल में वो मजबूती थी ,कि हर वार ही बिख़र गया l
जो हँसे थे उनके हालातों पर, उनका मुँह बंद कराना है l
बापू को बैठाकर फ्रंट शीट पर, बस 'थार' से घुमाना है l
बापू को बैठाकर फ्रंट शीट पर ....
नीलू..
©Neil Sharma
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