बाल - कविता
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चंदा मामा आओ ना।
ढेर खिलौने लाओ ना।
सूरज चाचू गर्मी दे गए,
तूम ठण्डक बरसाओ ना।
कहानियों का ले कर झोला।
सपनों का ले कर उड़न कटोला।
पहन के उजालें का झिंगोला।
चाँदनी तुम बरसाओ ना।
चंदा मामा आओ ना।
ढेर खिलौने लाओ ना।
तारें भी लगे झिलमिलाने,
तुम इन की, शोभा बढाओ ना।
खेल-खिलौने, बर्फ के गोले,
गोल-गप्पे और आलू-छोले।
खट्टी-मीठी ,चाट चट्पटी,
और पकवान खिलाओ ना।
चंदा मामा आओ ना।
ढेर खिलौने लाओ ना।
माँ भी सो गई,लोरी गाते,
तुम मीठी नींद सुलाओ ना।
चंदा मामा आओ ना।
ढेर खिलौने लाओ ना।
Uma vaishnav
(surat)
©Uma Vaishnav
#chandamamma