छोटा मोटा गहरा दुख है
सबका अपना अपना दुख है
पहला प्यार तो जाना ही था
ये तो पहला पहला दुख है
ज़ख्म चमकता ही रहता है
अपना यार सुनहरा दुख है
याद नयी ये बात पे आया
काफ़ी साल पुराना दुख है
छोटे छोटे दर्द मिलाकर
बनता एक इकट्ठा दुख है
©Saad Ahmad ( سعد احمد )
dukh
#Saad_Ahmad