White #Ghazal
इश्क़ करना मेरी भूल नहीं है ,
ग़म यही है उसे क़ुबूल नहीं है ।
मेरा दिल फ़ना है यारों हिज़्र में ,
मेरा मातम ये फुज़ूल नहीं है ।
इश्क़ किसी से शादी किसी से ,
इंसानों का ये तो उसूल नहीं है ।
दिलकश होते हुए भी वो ख़ार है ,
जिसमें ख़ुश्बू नहीं वो फूल नहीं है ।
मैं भी भूल गया हूं औक़ात अपनी ,
मेरी पेशानी पर कहीं धूल नहीं है ।
©अनुराग "सुकून"
#Sad_shayri