White कोई है?
इस अँधेरे रात से डर लग रहा
साँसें सुख रही कोई है?
इस बंद कमरे में
जो हर पल छोटी होती जा रही
दीवारें खोखली हो रही
मुझे बाहर निकाल सके कोई है??
अरे कोई है??
ये आंखे फिर से सूख रही
आंसू कभी लाल कभी नीली हो रही
कोई कपडा दे दो, कोई है?
सांसे तेज़, चेहरा कोयला हो रहा
कोई चेहरे पर हाथ फेर सके.... कोई है?
कोई है? इस बेजान के अंदर जान डाल सके
जीने की अरमान ला सके?
थरथरा रहे मेरे हाथ सोई नहीं आँखे काई रातों से
हाथ थाम कर, अपने सीने में सर रख कर सुला दे
एक आखिरी नींद, कोई है?
सौदा ही कर ले मेरी रूह का
बस मेरी रूह को एक पल का सुकून दे...
कोई है?
__शुभम कुमार
©Shubham Kumar
#Sad_Status