उसकी जवानी को देख कर वो अपने दिमाग में कुछ सोचता रहा,
भरे बाजार में वो अपनी गंदी नजरो से उसका जिस्म नोचता रहा...
अपने कपड़े संभालने लगी थी वो,
फिर भी उसकी नजरो से खुदको बचा ना सकी,
इतनी भीड़ थी पर ये हरकत वो किसी को बता ना सकी...
घर लौट कर भी ये हादसा वो भूली ना थी,,
उसकी घिनौनी नजरे अब तक उसके ज़हन से धुली ना थी....
सोचती रही वो की काश उसे एक थप्पड़ लगाया होता,
पर फिर दुनिया ने औरत होने का ताना सुनाया होता...
अपनी किस्मत को दोष दे वो रात भर लेटी रही,
कुछ कर ना पाई,
बस उस नीच को बददुआ देती रही।
#violin #sad_poetry #girs #molestation