सच होगे,, तुम्हारी वफ़ाए सच होगी,, मग़र अब नहीं होता
"सच होगे,,
तुम्हारी वफ़ाए सच होगी,,
मग़र अब नहीं होता यकीन तुम पर..
दिल छलनी किया है जिस तरह से तुमने,,
तुम्हारी दगाएं याद आती हैं अब तो,,
तुम्हारी वफ़ायों से ज़्यादा..."
सच होगे,,
तुम्हारी वफ़ाए सच होगी,,
मग़र अब नहीं होता यकीन तुम पर..
दिल छलनी किया है जिस तरह से तुमने,,
तुम्हारी दगाएं याद आती हैं अब तो,,
तुम्हारी वफ़ायों से ज़्यादा...