कैसी ये खलिश कैसा ख़ुमार है, हमें तुमसे प्यार है | हिंदी शायरी
"कैसी ये खलिश कैसा ख़ुमार है, हमें तुमसे प्यार है
तुम्हे हमसे प्यार है
फिर भी दिल में चाहत बेक़रार है
जता नहीं पाया कभी तुमसे
क्योंकि मुझे लगता है मेरा दिल
आज भी तेरा गुनहगार है"
कैसी ये खलिश कैसा ख़ुमार है, हमें तुमसे प्यार है
तुम्हे हमसे प्यार है
फिर भी दिल में चाहत बेक़रार है
जता नहीं पाया कभी तुमसे
क्योंकि मुझे लगता है मेरा दिल
आज भी तेरा गुनहगार है