तू ही जाने कब क्यों कैसे
बातें तो बनती हैं,
वो दर्द नहीं थे ऐसे वैसे
बातें तो बनती हैं
आवारा, नाकारा, मनहूस, बेचारा
बातें तो बनती हैं
जो हुआ था, हुआ वो क्यों
या जाने शिव या जाने तू
बातें तो बनती हैं
चीख चीख कर किस को बुलाये?
चीर के दिल किस किस को दिखाए
बातें तो बनती हैं
©Traveling poet 🎠
#boat