तेरे हर ख्याल से खुद को कहीं दूर
कैद रखना चाहती हूं,
तेरे वजूद से खुद का वजूद छुपा कर तुझे खुश देखना चाहती हूं,
तू हर बात को अनसुना कर चल तेरी इस आदत को भी में अपनाना चाहती हूं,
मेरे बोलने से तुझे फर्क नहीं पड़ता तो मेरी खामोशी को तुझे सुनना चाहती हूं,
चल तुझसे दूर हो कर तेरी नई कायनात तुझे सौंप जाती हूं….. Writer Divya Mannewar
#krishna_flute