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दुश्वारियां ये दिल कि तमन्ना बदल न दे
इंसान हूँ मेरा ये नजरिया बदल न दे
अपना खुदा यूँ मान लिया तुझे दिल ने अब
मत कर सितम यूँ इसपे वो खुदा बदल न दे
कर धोखे जितने चाहे मगर बात याद रख
खुदा कहीं तेरा यूँ वो मोहरा बदल न दे
ज़ुल्मो सितम ये चलते नहीं देर तक कभी
कर ना गुमान अब तू वो रिश्ता बदल न दे
छुपा ले लाख झूठ तू परदे के पीछे अब
दुआ कही किसी की वो मुद्दा बदल न दे
( लक्ष्मण दावानी )
30/11/2016
©laxman dawani
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