मोम के जैसे जलना पिघलना मेरा, जुड़ के बाती से रहना | हिंदी Poetry

"मोम के जैसे जलना पिघलना मेरा, जुड़ के बाती से रहना गुण हैं मेरा, हर कदम पर सहना क्यों सिखाया गया, ए दर्पण बता क्या है जीवन मेरा। माधवी मधु ©madhavi madhu"

 मोम के जैसे जलना पिघलना मेरा,
जुड़ के बाती से रहना गुण हैं मेरा,
हर कदम पर सहना क्यों सिखाया गया,
ए दर्पण बता क्या है जीवन मेरा।
            माधवी मधु

©madhavi madhu

मोम के जैसे जलना पिघलना मेरा, जुड़ के बाती से रहना गुण हैं मेरा, हर कदम पर सहना क्यों सिखाया गया, ए दर्पण बता क्या है जीवन मेरा। माधवी मधु ©madhavi madhu

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