मोहब्बत की एक डायरी बनाउंगी,
प्यार के वो हर शब्द लिख जाऊंगी,
जिसमें नाम होगा हर अक्षर तुम पर,
जो कह ना पाईं तुम्हारे समक्ष बैठकर,
तुम पढ़कर उसे मेरे जज़्बात समझ जाना,
हर उस रात अनकही पहेली को सुलझाना,
देखना उसमें ना जाने कितने राज छुपे हैं मेरे,
जो रोज होकर गुजरे हैं तुम से।
©Manisha
#retro