जन्मदिन पर विशेष
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प्रखर वाणी के तेज वक्ता,
व्यक्तित्व में जिनके तेज झलकता था,
उनके गंभीर विचारों में
अपनापन छलकता था।
सोच नेक थी, विचार अटल थे,
सरल, सहज, विद्वान सजल थे।
काव्य के गुण वंशानुगत
उनमें स्वतः ही आये थे,
अध्यापक पिता की इस संतान
में सारे गुण समाये थे।
राजनीति में रूचि रही,
राष्ट्रीय स्वयं सेवक बने।
प्रधानमंत्री के पद पर पहुँचे
पाँच वर्ष सत्ता में रहे।
आजीवन अविवाहित
रहने का संकल्प लिया,
भीष्मपितामह कहलाये।
नाम के अनुरूप ही
वे अटल कहलाये।
सपना परिहार
©Sapna Parihar