कीर्तिमान नवरस का प्रवाह उद्गम, संचरण मस्तक में, प | हिंदी कविता Video

"कीर्तिमान नवरस का प्रवाह उद्गम, संचरण मस्तक में, प्रफुल्लित कण कण, धूमिल होते दुर्विचार, मर्यादित स्पष्ट छंद, सत्य के आगोश में हो, लेखनी का स्वर ll ©Dilip Swami "

कीर्तिमान नवरस का प्रवाह उद्गम, संचरण मस्तक में, प्रफुल्लित कण कण, धूमिल होते दुर्विचार, मर्यादित स्पष्ट छंद, सत्य के आगोश में हो, लेखनी का स्वर ll ©Dilip Swami

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