"भर लो न रंग मिलन के
कितनी बेरंग सी हो चली है जिंदगी
आदम के इस जगत में
आदमियत की है कमी
घुल जाओ आपस अतरंगो की तरह
बनाओ जीवन को इंद्रधनुषी
भर लो न रंग मिलन के"
भर लो न रंग मिलन के
कितनी बेरंग सी हो चली है जिंदगी
आदम के इस जगत में
आदमियत की है कमी
घुल जाओ आपस अतरंगो की तरह
बनाओ जीवन को इंद्रधनुषी
भर लो न रंग मिलन के