तेरा जाना मुझे भूल जाना।
दूर जाकर फिर करीब आना।
तंग आ गए हम उस ख्वाब से।
तेरा हर बार पास आ कर मुझसे लिपट जाना।
फिर से दिल उन ख्यालों में खो जाता है।
उस ख्वाब में मुझे देख कर तेरा हस देना।
क्यों वो ख्वाब मुझे अब भी सताते है।
क्या तुम्हें भी वो ख्वाब आते है।
मेरे पास बैठ कर घंटों बाते करना।
चांद तारों के बीच मुझसे गले लग जाना।
बहुत तंग करती है तेरा यूं याद आना।
©Khushi Amar goap
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