फल जाए मोहब्बत तो मोहब्बत है मोहब्बत
और रास न आए तो मुसीबत है मोहब्बत
रो रो के वो पोछेंगे मिरी आँख से आँसू
आएँगे वो दिन भी जो सलामत है मोहब्बत
बदनाम किया लाख तुझे ख़ुद-ग़रज़ों ने
फिर भी तिरी दुनिया को ज़रूरत है मोहब्बत
दुनिया कहे कुछ है मगर ईमान की ये बात
होने की तरह हो तो इबादत है मोहब्बत
है जिन से उन आँखों की क़सम खाता हूँ 'मंज़र'
मेरे लिए परवाना-ए-जन्नत है मोहब्बत
~ मंज़र लखनवी
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©Hilal Hathravi
#GoodNight #मोहब्बत