Past day किसी गुज़रे हुए इक वक़्त का ठहरा हुआ लम्हा | हिंदी Love

"Past day किसी गुज़रे हुए इक वक़्त का ठहरा हुआ लम्हा, मुझे आवाज़ देता है मेरा खोया हुआ लम्हा। समेटे जा रहा था कब से मैं बिखरी हुई चीज़ें, उड़ा कर ले गया मुझको हवा होता हुआ लम्हा। ©Ramesh Chandra Anupam"

 Past day किसी गुज़रे हुए इक वक़्त का ठहरा हुआ लम्हा,
मुझे आवाज़ देता है मेरा खोया हुआ लम्हा।

समेटे जा रहा था कब से मैं बिखरी हुई चीज़ें,
उड़ा कर ले गया मुझको हवा होता हुआ लम्हा।

©Ramesh Chandra Anupam

Past day किसी गुज़रे हुए इक वक़्त का ठहरा हुआ लम्हा, मुझे आवाज़ देता है मेरा खोया हुआ लम्हा। समेटे जा रहा था कब से मैं बिखरी हुई चीज़ें, उड़ा कर ले गया मुझको हवा होता हुआ लम्हा। ©Ramesh Chandra Anupam

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