ज़िंदगी और जंग दो अलग-अलग नहीं,
बल्कि अब तो जिदंगी ही जंग लग रही है।
हमें हथियार डालने को मजबूर करने,
वो हर घड़ी नई-नई चुनौती दे रही है।
खैर उसे क्या ही पता?
कि हम वो है जो जिदंगी तो हार सकते है,
लेकिन जिदंगी की जंग में हार हमें स्वीकार नहीं।।
©dpDAMS
#Zindagi