एक पैगाम सी तू मेरी, वसुन्ध की हर दिशा सिरस में! | English Poetry Vide
"एक पैगाम सी तू मेरी,
वसुन्ध की हर दिशा सिरस में!
मन-चली सी तेरी हर अदाएं,
जो आगोश में लिए जाती हैं!!
सुगन्ध की हर क्षितिज उमंग क
अपने झोखों में हर दिल तक पहुँचाती हैं!
एक पैगाम सी हैं तू ए-हवा,
जो हर दिल को यूँ भा जाती हैं!!
अंदाज_छवि"
एक पैगाम सी तू मेरी,
वसुन्ध की हर दिशा सिरस में!
मन-चली सी तेरी हर अदाएं,
जो आगोश में लिए जाती हैं!!
सुगन्ध की हर क्षितिज उमंग क
अपने झोखों में हर दिल तक पहुँचाती हैं!
एक पैगाम सी हैं तू ए-हवा,
जो हर दिल को यूँ भा जाती हैं!!
अंदाज_छवि