"भारत मेरा बटता जारा
जाति धर्म के झगड़ों में।
एकता के सूत्र में बंद कर
जिंदा रखना देश हृदय में ।
अपने लहू से सींचा जिसने
भारत मां की माटी को
आओ मिलकर भाव जगाए
लेकर तिरंगा हाथ मिलाए।
दुश्मन को ना घर के भेद बताएं
देश एकता हीत भाव जगाए।
राष्ट्र पर्व पर शपथ निभाए
सब मिलकर स्वतंत्र दिवस मनाए।
©Kavita Varesha 1432
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