जब जब असफल होगे
लोग आयेंगे तुम्हें ताने देने
असफलताओं में ही मगर
तुम्हारे अपने पहचाने जाएंगे,
गिरोगे जब जब
दुनिया खड़ी रहेगी तमाशा देखने
जो अपने होंगे तुम्हारे हौसला बढ़ाने
तुम्हारा बस वही आयेंगे,
तुम्हारी सच्चाई दबाने
झूठे सारे आयेंगे चीखने चिल्लाने
ख़ामोशी से दबकर मरा है कब सच
ज़र्रे ज़र्रे से तुझे चाहने वाले आयेंगे,
तुम्हारी प्यास बुझाने
वो आयेंगे रेगिस्तान में भी दरिया दिखाने
जल्दी में धोखा खाओगे
जो होंगे अपने वो मरु से निकलने का राह दिखाएंगे,
रुकोगे अगर ठोकर खाके
ज़माने वाले आयेंगे नाकामी का रोना रुलाने
तुम चलते रहना
तुम्हारे अपने मंजिल पाने की ललक तुममें जगाएंगे..
©Sahil Bhardwaj
जब जब असफल होगे
लोग आयेंगे तुम्हें ताने देने
असफलताओं में ही मगर
तुम्हारे अपने पहचाने जाएंगे,
गिरोगे जब जब
दुनिया खड़ी रहेगी तमाशा देखने
जो अपने होंगे तुम्हारे हौसला बढ़ाने