Unsplash अपने किए की मै सज़ा चाहता हू मै बफ़ा के ब | हिंदी Poetry

"Unsplash अपने किए की मै सज़ा चाहता हू मै बफ़ा के बदले बफ़ा चाहता हू जमील ©jameel Khan"

 Unsplash अपने किए की मै सज़ा चाहता हू
मै बफ़ा के बदले बफ़ा चाहता हू

जमील

©jameel Khan

Unsplash अपने किए की मै सज़ा चाहता हू मै बफ़ा के बदले बफ़ा चाहता हू जमील ©jameel Khan

# सज़ा#

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