*स्वभावं न जहात्येव साधुरापद्गतोऽपि सन्।* *कर् | English Life

"*स्वभावं न जहात्येव साधुरापद्गतोऽपि सन्।* *कर्पूर: पावकस्पॄष्ट: सौरभं लभतेतराम्!!* *भावार्थः-* अच्छा व्यक्ति आपातकाल में भी अपना स्वभाव नहीं छोडता है , कर्पूर अग्नि के स्पर्श से अधिक खुशबू निर्माण करता है... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73"

 *स्वभावं न जहात्येव साधुरापद्गतोऽपि सन्।*     *कर्पूर: पावकस्पॄष्ट: सौरभं लभतेतराम्!!*                                *भावार्थः-* अच्छा व्यक्ति आपातकाल  में 
भी अपना स्वभाव नहीं छोडता है , कर्पूर 
अग्नि के स्पर्श से अधिक खुशबू निर्माण 
करता है... -वेद प्रकाश

©VED PRAKASH 73

*स्वभावं न जहात्येव साधुरापद्गतोऽपि सन्।* *कर्पूर: पावकस्पॄष्ट: सौरभं लभतेतराम्!!* *भावार्थः-* अच्छा व्यक्ति आपातकाल में भी अपना स्वभाव नहीं छोडता है , कर्पूर अग्नि के स्पर्श से अधिक खुशबू निर्माण करता है... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73

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