तड़पो गे एक दिन ये सोच कर की वो अपनी भी ना थी मगर | हिंदी Bhakti Video

"तड़पो गे एक दिन ये सोच कर की वो अपनी भी ना थी मगर एहसास अपनों से ज़ियादा करती थी फिर खूब रोना ये याद कर के की क्या चाहती थी बस एक मेरी ही तो होना चाहती थी ©Nikhat khan "

तड़पो गे एक दिन ये सोच कर की वो अपनी भी ना थी मगर एहसास अपनों से ज़ियादा करती थी फिर खूब रोना ये याद कर के की क्या चाहती थी बस एक मेरी ही तो होना चाहती थी ©Nikhat khan

@R... Ojha @Lalit Saxena @Mahi @rasmi @J P Lodhi.

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