उस पिछड़े साल में
कुछ के दिल के अरमान टूटे
कुछ के अपनों का साथ छूटा
कुछ तो दिल में बस गए
आशा हैं, कि आने वाले साल में
अधूरे सब के काम हो जाए
छूटे दिल के पास हो जाए
कुछ नए का साथ आ जाए
कुछ दिलो का मिलन हो जाए
हासिल नया मुकाम है जाए
©deepa sikarwar
#Sea