#परख
कोयला की खान काली
स्याह रंग और धुप्प अंधेरा
उस अंधेरे में जो जाता
हाथ काले करके आता...
उस काले खान में भी
उस अंधेरे दिन में भी
कालेपन की मान रखकर
कर्मपथ पर जो चलता ही जाता ,..
हृदय में ले
उम्मीद की लहर
परखती नजर पत्थरों को
हर एक पहर..
उन काले खानों में
ढूंढ लाता वो पत्थर
जिन पर सूर्य की प्रभा भी
सात रंगों में जाती बिखर...
वो नजर
वो परख
हर डगर पर चाहिए
आपको मिले जो कोई हीरा
उसे तराश कर जरूर चमकाइए..
हर हीरा प्रतिक्षा करता है
और
एक हीरे की प्रतीक्षा पूर्ण होती
जब मिल जाता है एक पारखी नज़र ..
मोना सिंह
आत्मसंपदा
©Mona Singh
#परख