"मुस्किले दिन प्रतिदिन बढ़ती जाए
बाधाएं तो आती है आएं,
हौसला ये न डिगने पाएं
पर्वत की तरह तू स्थिर हो जाए।
जीवन में सत्य ही यह कहना है
जो रुका नही जीत का ताज उसी ने पहना है
सारी दुनिया भी फिर एक हो जाए
पौरुष की अग्नि पर न बुझने पाए
बाधाएं आती है आएं....
©Atul Sharma"