न जानें क्यों,
तेरे मेरे दरमियान खामोशियों की चादर सी है
गलत तू भी नहीं, गलत मैं भी नहीं
पर हालात बदतर सी है।
हम तो मिले थे , कभी न बिछड़ने को
पर बार बार क्यू जुदा होंने की आदत सी है।
प्रेम में इतना कष्ट कयूं हैं
जब प्रेम खुदा की इबादत सी है।
mamtaj Priya ✍️✍️✍️
©Mamtaj Priya
#alone