कुर्बान कर दूंगा खुद को आपकी पाक मोहब्बत पर
उफ्फ तक न करूँगा अपनी इस पाक मोहब्बत पर
वक़्त रह रह सताए या तमाशा बनाये मेरा गम नही
स्याह दाग न आने दूँगा अपनी इस पाक मोहब्बत पर
फिक्र नही मुझे इस जमाने की जलील निग़ाहों की
न पड़ने दूँगा साया रुसवाई का कभी इस पाक मोहब्बत पर
दिल राजी है ,रूह राजी है मेरी ओर क्या चाहिए
कर दूंगा खुद को वक्फ अपनी इस पाक मोहब्बत पर
अंजुम वक़्त का तकाजा है आओ अश्को से सब्र करते है
इलाही है कुर्बान हमेशा अपनी इस पाक मोहब्बत पर
✍️इमरान इलाही