जब कोई दूसरा तकलीफ में... कर्मों की सज़ा! जब खुद तकलीफ में.... प्रभु इच्छा! |वह रे इंसान || ©Mahadev Son जब कोई दूसरा तकलीफ में होता है तो कर्मों की सज़ा! जब खुद तकलीफ में तो प्रभु इच्छा! |वह रे इंसान || मौत जीवन की आखिरी सीढ़ी हूठमैं सबको समान करती. मौत जीवन की आखिरी सीढ़ी हूठमैं सबको समान करती हूठमैं ना किसी से बैर,ना कोई मेरा पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ है बस, अपना ही à¤à¤• फ़रà¥à¤œ निभाती हूठमैं लोग मà¥à¤à¤¸à¥‡ दूर भागते, पर पास सबको ही ले आती हूठमैं कोई कैसा भी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ना हो, सबकी पहचान कराती हूठमैं दूर मà¥à¤à¤¸à¥‡ कोई जा नहीं पाता हकिकत से मà¥à¤²à¤¾à¤•à¤¾à¤¤ कराती हूठमैं बेवजह हर कोई मà¥à¤à¤¸à¥‡ ड़र जाता पर, पà¥à¤¯à¤¾à¤° से पास बà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥€ हूठमैं मà¥à¤à¥‡ कोई याद करता नहीं ,पर सबको ही याद करती हूठमैं जीवन की आखिरी सीढ़ी हूठमैं सबको समान करती हूठमैं | By:-Akshita Jangid (poetess) मौत मौत जीवन की आखिरी सीढ़ी हूठमैं सबको समान करती हूठमैं ना किसी से बैर,ना कोई मेरा पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ है बस, अपना ही à¤à¤• फ़रà¥à¤œ निभाती हूठमैं लोग मà¥à¤à¤¸à¥‡ दूर भागते, पर पास सबको ही ले आती हूठमैं कोई कैसा भी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ना हो, सबकी पहचान कराती हूठमैं दूर मà¥à¤à¤¸à¥‡ कोई जा नहीं पाता हकिकत से मà¥à¤²à¤¾à¤•à¤¾à¤¤ कराती हूठमैं बेवजह हर कोई मà¥à¤à¤¸à¥‡ ड़र जाता पर, पà¥à¤¯à¤¾à¤° से पास बà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥€ हूठमैं मà¥à¤à¥‡ कोई याद करता नहीं ,पर सबको ही याद करती हूठमैं जीवन की आखिरी सीढ़ी हूठमैं सबको समान करती हूठमैं | By:-Akshita Jangid (poetess) #nojoto#poetry#life #death Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto