The road was dark when, अंधेरा बढ़ रहा था,
और शाम ढलता जा रहा था |
नीचे सड़क और उपर मेट्रो,
रफ्तार पकड़ता जा रहा था ||
इतने मे वो दिखा शांत, मुस्कुराता हुआ,
मैं आगे बढ़ता गया,
वो नीचे आता गया,
ऐसा लगा वो मुझे बुला रहा था |
इतने में छिप गया कहीं,
मैं ढूंढता रहा |
आफताब था वो,
कहाँ हाँथ आ रहा था ||
©Shivam kumar
#Dark