ए दिल तू कैद रह, इस बदन में अब, तेरे चले जाने से स

"ए दिल तू कैद रह, इस बदन में अब, तेरे चले जाने से साँसे रुक जाती है। अक्ल को बताया नही है कुछ भी ए दिल, किसी तीसरे को कहा मज़बूरी समज आती है। ©विनय"

 ए दिल तू कैद रह, इस बदन में अब,
तेरे चले जाने से साँसे रुक जाती है।

अक्ल को बताया नही है कुछ भी ए दिल,
किसी तीसरे को कहा मज़बूरी समज आती है।

©विनय

ए दिल तू कैद रह, इस बदन में अब, तेरे चले जाने से साँसे रुक जाती है। अक्ल को बताया नही है कुछ भी ए दिल, किसी तीसरे को कहा मज़बूरी समज आती है। ©विनय

#meltingdown

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