White कोई ख़्वाब मुकम्मल नही हुआ , इसके बावजुद भी | हिंदी Poetry

"White कोई ख़्वाब मुकम्मल नही हुआ , इसके बावजुद भी मैं पागल नही हुआ...., जारी है हादसों का सफर इस तरह के बस, एक हादसा जो आज हुवा कल नही हुआ ©सफ़ीर 'रे'"

 White कोई ख़्वाब मुकम्मल नही हुआ ,
 इसके बावजुद भी मैं पागल नही हुआ....,
जारी है हादसों का सफर इस तरह के बस,
एक हादसा जो आज हुवा कल नही हुआ

©सफ़ीर 'रे'

White कोई ख़्वाब मुकम्मल नही हुआ , इसके बावजुद भी मैं पागल नही हुआ...., जारी है हादसों का सफर इस तरह के बस, एक हादसा जो आज हुवा कल नही हुआ ©सफ़ीर 'रे'

जॉन की लाइन्स #sunset_time #jaunelia

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