कतरा - कतरा पानी का बरसाना होगा
यानी बादल को भी कर्ज़ चुकाना होगा
उसकी आंखों में खोया हूं सब कुछ अपना
इश्क़ किया है अब इतना तो जुर्माना होगा
मसला ये है मैं घर से खाली निकला था
गम ये है अब घर फिर खाली जाना होगा
लैला के ख़्वाब मरे हैं महलों में लेकिन
मजनू को सड़कों पर पत्थर खाना होगा
तुम ही बतलाओ कब तक दोगे साथ मिरा
मुझको तो राहों में चलते जाना होगा
यानी पल भर के लब छूने के बदले में
सारी उम्र मुझे अब शेर सुनाना होगा
©Vivek Vistar
कतरा - कतरा पानी का बरसाना होगा
यानी बादल को भी कर्ज़ चुकाना होगा
उसकी आंखों में खोया हूं सब कुछ अपना
इश्क़ किया है अब इतना तो जुर्माना होगा
मसला ये है मैं घर से खाली निकला था
गम ये है अब घर फिर खाली जाना होगा