*यदि आप के चंद मीठे बोलों से किसी का रक्त बढ़ता है | हिंदी विचार

"*यदि आप के चंद मीठे बोलों से किसी का रक्त बढ़ता है तो यह भी रक्त दान है* *यदि आप के द्वारा किसी की पीठ थपथपाने से उसकी थकावट दूर होती है तो यह भी श्रम दान है।* *यदि आप कुछ भी खाते समय उतना ही प्लेट में लें कि कुछ भी व्यर्थ ना जाए तो यह भी अन्न दान है।*"

 *यदि आप के चंद मीठे बोलों से किसी का रक्त बढ़ता है तो यह भी रक्त दान है*
*यदि आप के द्वारा किसी की पीठ थपथपाने से उसकी थकावट दूर होती है तो यह भी श्रम दान है।*
*यदि आप कुछ भी खाते समय उतना ही प्लेट में लें कि कुछ भी व्यर्थ ना जाए तो यह भी अन्न दान है।*

*यदि आप के चंद मीठे बोलों से किसी का रक्त बढ़ता है तो यह भी रक्त दान है* *यदि आप के द्वारा किसी की पीठ थपथपाने से उसकी थकावट दूर होती है तो यह भी श्रम दान है।* *यदि आप कुछ भी खाते समय उतना ही प्लेट में लें कि कुछ भी व्यर्थ ना जाए तो यह भी अन्न दान है।*

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