*मेरे बाल फिर से सुलझा देना* पल्लू में कुछ दुआएँ | हिंदी Poetry Video

"*मेरे बाल फिर से सुलझा देना* पल्लू में कुछ दुआएँ बाँधकर आज भी मेरी माँ रखती है जब भी कुछ खिलाती है तो पहले स्वाद ज़रा सा चखती है। मेरे बालों में हाथ फेरकर, जब भी बाल मेरे सुलझाती थी... उस नेह की छाँव में ओ... माँ, मैं हर गम भूल जाती थी। जिस तरह तू बाल सुलझाती थी, मेरी मुश्किलें सुलझा देना, जब उलझ जाऊँ मैं अँधेरे में, नया रास्ता तू दिखा देना। ©Pinky CK "

*मेरे बाल फिर से सुलझा देना* पल्लू में कुछ दुआएँ बाँधकर आज भी मेरी माँ रखती है जब भी कुछ खिलाती है तो पहले स्वाद ज़रा सा चखती है। मेरे बालों में हाथ फेरकर, जब भी बाल मेरे सुलझाती थी... उस नेह की छाँव में ओ... माँ, मैं हर गम भूल जाती थी। जिस तरह तू बाल सुलझाती थी, मेरी मुश्किलें सुलझा देना, जब उलझ जाऊँ मैं अँधेरे में, नया रास्ता तू दिखा देना। ©Pinky CK

Mummy..

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