प्रस्तर जैसी कठोर बनी हो, सोंचूँ कैसे पिघलाऊं पिघल | हिंदी लव Video

"प्रस्तर जैसी कठोर बनी हो, सोंचूँ कैसे पिघलाऊं पिघला कर के पूर्व के जैसा, कैसे तुझसे बतियाऊँ सोच ही रहती सोच मेरी ये,क्योंकि तेरे कानों में पीर न मेरी पहुंचा करती, नित्य गोहरे भले जाऊँ ©प्रभात शर्मा "

प्रस्तर जैसी कठोर बनी हो, सोंचूँ कैसे पिघलाऊं पिघला कर के पूर्व के जैसा, कैसे तुझसे बतियाऊँ सोच ही रहती सोच मेरी ये,क्योंकि तेरे कानों में पीर न मेरी पहुंचा करती, नित्य गोहरे भले जाऊँ ©प्रभात शर्मा

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