माँ
पधारो माँ लक्ष्मी मेरे घर,
मैने राह में तुम्हारे पुष्प बिछाए हैं ।
जगमगा रहा मंदिर तुम्हारा,
मिट्टी के दीए चारों ओर लगाए हैं ।
लाया मूर्ति तुम्हारी मंदिर में तुम्हें बिठाने को
बनवाए पकवान मां तुम्हारा भोग लगाने को,
फूलझड़ी व पटाखे से,
माँ स्वागत करूं तुम्हारा,
रखते ही कदम तुम्हारे,
खुशियों से जगमगा उठे घर सारा ।
दिया तुमने सब कुछ मुझे माँ ,
करो उपकार मुझे अपने दर्शन देकर ।
मत करो अब और उदास माँ ,
दर्शनों को तुम्हारे मैंने बहुत आंसू बहाए हैं ।
पधारो माँ लक्ष्मी मेरे घर,
मैने राह में तुम्हारे पुष्प बिछाए हैं ।
©Ravindra Singh
माँ
पधारो माँ लक्ष्मी मेरे घर,
मैने राह में तुम्हारे पुष्प बिछाए हैं ।
जगमगा रहा मंदिर तुम्हारा,
मिट्टी के दीए चारों ओर लगाए हैं ।
लाया मूर्ति तुम्हारी मंदिर में तुम्हें बिठाने को