पहले अलग थी भाषा उनकी पहनावा था अलग थलग । अब तो हम | हिंदी कविता Video
"पहले अलग थी भाषा उनकी
पहनावा था अलग थलग ।
अब तो हमसा एक हुए है, अब तो बचना मुश्किल है ।
माला डाले मंदिर पहुंचे
टोपी पहने मस्जिद में ।
गीता कुरान का ज्ञान पिये हैं, अब तो बचना मुश्किल है ।
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पहले अलग थी भाषा उनकी
पहनावा था अलग थलग ।
अब तो हमसा एक हुए है, अब तो बचना मुश्किल है ।
माला डाले मंदिर पहुंचे
टोपी पहने मस्जिद में ।
गीता कुरान का ज्ञान पिये हैं, अब तो बचना मुश्किल है ।