White प्रेम सिर्फ अंग को पा लेने का नाम नही हे प्रेम तो आत्मा और शरीर के निचोड़ से जो तरंग उमंग लहर मदहोशी निकलती है जिसके आगोश में जा कर खुद को खुद का भी होश न रहे बस खुद को एक ऐसी जगह पहुंचाने की चाहत हो जहां पर पहुंच के जिस्म के अंग अंग से ले कर आत्मा तक को वो सुकून और वो एहसास मिले जिसको परम सुकून को पाने की चाहत में आपने खुद को यहां तक पहुंचाया हे उस परम आनंद को पा लेना ही सम्पूर्ण आनद संपूर्ण त्याग और सम्पूर्ण प्रेम है ।
©Andy Mann
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